उत्तराखंड में कई रहस्यमय जगहें हैं. इन जगहों की अपनी कहानियां हैं जो रोमांचकारी हैं. इन जगहों को घूमने के लिए देश और दुनिया से टूरिस्ट आते हैं.कई जगहें तो ऐसी हैं जिनके रहस्य सुनकर आप भी चौंक जाएंगे. ऐसी ही एक ताल है जहां परियां नहाने के लिए आती हैं. सुनकर अजीब जरूर लगेगा, लेकिन यह एकदम सही है. आइए इस ताल के बारे में विस्तार से जानते हैं.
यह ताल बेहद खूबसूरत है. कहा जाता है कि इस जगह पर परियों का निवास है.
यह ताल नैनीताल से करीब 25 किलोमीटर दूर है. परियों के निवास होने के कारण ही इस ताल को परी ताल कहते हैं. नैनीताल के पास स्थित चाफी गांव से करीब 3 किलोमीटर दूर यह ताल है. इस ताल तक पहुंचने के लिए पैदल चलकर जाना होता है.
ताल तक पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है. ताल तक पहुंचने का सफर बेहद रोमांचक है. हालांकि यह रास्ता खतरनाक भी है. यहां रास्ते में एक पुल भी है जो अंग्रेजों के जमाने का है.
इस जगह पर इंसानों का दखल कम ही है जिस कारण इसकी खूबसूरती बरकरार है. इस ताल की गिनती रहस्यमयी तालों में होती है. कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन इस ताल में परियां नहाने के लिए आती हैं. ताल के आसपास कुछ काली चट्टानें हैं.
इन्हें शिलाजीत युक्त चट्टान माना जाता है. ताल से सटा एक खूबसूरत झरना भी है. इस ताल की असल गहराई किसी को नहीं पता है. स्थानीय लोग यहां नहाने और डुबकी लगाने से परहेज करते हैं.
अगर आप नैनीताल जा रहे हैं, तो यहां जरूर जाएं. ऐसी भी कहा जाता है कि कई लोगों ने यहां परियों को निकलते हुए देखा है. रहस्यमय लोक कथाओं के कारण इस ताल को शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि यहां देव परिया स्नान करती हैं. जिस कारण स्थानीय लोग यहां डुबकी लगाने या स्नान करने से परहेज करते हैं.