• Wed. Apr 16th, 2025 7:07:01 AM

क्यों घर में आश्रय नहीं मिल रहा प्यारी गौरैया को।

ByRUPESH SHARMA

Mar 23, 2025

हरिद्वार में नमामि गंगे अभियान के अन्तर्गत विश्व जल दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ प्राचार्य डा. रीता सचान एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के पक्षी वैज्ञानिक डा. विनय कुमार सेठी द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया।

डा. विनय सेठी ने  प्रतिभागियों को गौरैया की वर्तमान चिंतनीय स्थिति एवं उसके संरक्षण के प्रयासों से अवगत कराया। डॉ. सेठी ने कहा कि तेजी से भवन निर्माण की संरचना में आए परिवर्तन ने आज गौरैया को बेघर कर दिया है। इस पक्षी का नाम तो घरेलू गौरैया है परंतु आज इस घर में आश्रय नहीं मिल रहा है। ऐसी स्थिति में लकड़ी के कृत्रिम नेस्टबॉक्स बनाकर गौरैया को घोंसला का बेहतर विकल्प उपलब्ध कराया जा सकता है।

डॉ. सेठी ने वैज्ञानिक रीति से तैयार किए गए नेस्टबॉक्स का डिजाइन भी प्रतिभागियों के साथ साझा किया और उन्हें घर में बेकार पड़ी लकड़ी द्वारा नेस्टबॉक्स बनाए जाने के लिए प्रेरित किया।

प्राचार्य रीता सचान ने सभी छात्र छात्राओं को को विश्व जल दिवस के अवसर पर जल को संरक्षित करने हेतु प्रेरित किया एवं इसे अभियान के रूप में गांव गांव शहर शहर तक ले जाने के लिए छात्र छात्राओं की विशेष भूमिका पर बल दिया।

इस अवसर पर पीएम श्री राजकीय बालिका विद्यालय भारापुर भौंरी रूड़की की छात्राओं के मध्य हुई नमामि गंगे की विभिन्न प्रतियोगिताओं क्रमशः रंगोली, भाषण एवं पोस्टर प्रतियोगिता की विजेताओं को डा. रीता सचान, डा. कविता रानी एवं प्रधानाचार्य श्रीमती विनीता द्वारा संयुक्त रूप से पुरस्कृत किया गया।

नमामि गंगे अभियान के नोडल अधिकारी डा.अमित कुमार शर्मा एवं सदस्य डा.मुकेश कुमार गुप्ता द्वारा मुख्य अतिथियों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर डा.अनिल कटियार डा.अनिल कुमार, निशांत सैनी वरिष्ठ सहायक, विशाल बिष्ट, कनिष्ठ सहायक , अब्दुल रहमान, पिंटू एवं सभी छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *