• Fri. May 23rd, 2025 12:00:58 AM

संस्कृत को राष्ट्रीय संपर्क भाषा बनाना संस्था एवं संस्कृत प्रेमियों का उद्देश्य है।

ByRUPESH SHARMA

Sep 13, 2024

हरिद्वार स्थित व्यास मंदिर आश्रम में संस्कृति भारती उत्तरांचल द्वारा अखिल भारतीय गोष्ठी के तीन दिवसीय आयोजित होने वाले कार्यक्रम को लेकर प्रेस वार्ता की गई। जिसमें अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्रीश देव पुजारी जी तथा प्रांत अध्यक्षा संस्कृत भारती उत्तरांचल डॉ० जानकी त्रिपाठी जी उपस्थित थे मंच संचालन प्रांत मंत्री श्री गिरीश तिवारी द्वारा संपन्न किया गया। श्रीश देवपुजारी द्वारा प्रेस को सम्बोधित करते हुए संस्कृत की परंपरा को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जनसामान्य की बोलचाल की भाषा कैसे बनाया जा सकता है इस विषय पर विस्तार से चर्चा की गई

उन्होंने कहा कि संस्कृत केवल भाषा मात्र न होकर एक सामाजिक संगठन है जिसका कार्य समाज को संस्कृत सिखाने के लिए वृहत स्तर पर कार्य करने से है। जिसका कार्यक्षेत्र देश के अंदर ही नही अपितु भारत के बाहर 26 देशों में कार्यरत है। देश के अंदर संस्कृत भारती संगठन की गतिविधियां वर्ष में 2 बार राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाती है ।संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए 40 प्रांतों को 12 क्षेत्रों में बांटा गया है। जो की 12 संगोष्ठियों के रूप में आयोजित होने वाली है।

गोष्ठी की महत्वपूर्ण बात है कि सम्पूर्ण कार्यक्रम का आयोजन पूर्णत संस्कृत में होगा और इस आयोजन में केवल संस्कृत से संबंधित लोग ही नही बल्कि समाज के सभी वर्ग का प्रतिनिधित्व होगा।इससे पहले 2019 वर्ष में दिल्ली में वैश्विक सम्मेलन में 24 देशों ने प्रतिभाग किया था जिसमें संस्कृत को ही प्रमुखता दी गई थी।संस्कृत को राष्ट्रीय संपर्क भाषा बनाना संस्था एवं संस्कृत प्रेमियों का उद्देश्य है। जिसको साकार करने के लिए बोलचाल के रूप में प्रयोग करने के लिए समाज को प्रोत्साहित करना है।

अखिल भारतीय संस्कृत गोष्ठी का उद्घाटन 15 सितंबर को उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के कर कमलों द्वारा किया जायेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *