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संकल्प सिद्ध हो तो व्यक्ति दो-दो भाषाओं में भी शोध कार्य कर सकता है।

ByRUPESH SHARMA

May 18, 2024

उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय,

हरिद्वार के भाषा एवं आधुनिक ज्ञान-विज्ञान विभाग के हिंदी विषय में “मेघदूत एवं प्रियप्रवास में प्रकृति, प्रेम एवं सौंदर्य एक तुलनात्मक अध्ययन” विषय पर पीएच-डी० की उपाधि प्रदान की गई ! उन्होंने उक्त शोधकार्य डॉ० उमेश कुमार शुक्ल के शोधनिर्देशन में पूर्ण किया है ! ललित शर्मा ने प्रारंभिक शिक्षा ऋषि संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार, उच्च शिक्षा गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार से पूर्ण की है! बाल्यावस्था से ही संस्कृत भाषा के प्रति उनका विशेष अनुराग उनके शोध कार्य में भी परिलक्षित होता है! ललित ने अपने अथक परिश्रम से यह सिद्ध कर दिखाया यदि संकल्प सिद्ध हो तो व्यक्ति दो-दो भाषाओं में भी शोध कार्य कर सकता है ! डॉ०ललित शर्मा ने इस उपलब्धि के लिए अपने शोध निदेशक डॉ० उमेश कुमार शुक्ल ,माता-पिता-श्री दिनेश चंद्र शर्मा एवं श्रीमती आनंदी देवी , भाई – मोहित शर्मा अपने मित्रों एवं सुधीजन को श्रेय दिया है!ललित शर्मा की इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं अधिकारियों ने प्रसन्नता व्यक्त की और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं प्रदान की ! इस अवसर परपर लखनऊ विश्वविद्यालय के आचार्य प्रो० पवन अग्रवाल, प्रभारी संकायाध्यक्ष डॉ० प्रतिभा शुक्ला , विभागाध्यक्ष डॉ० अजय प्रमार , डॉ० दामोदर परगाई , डॉ० सुमन भट्ट, डॉ० बिंदुमति द्विवेदी, डॉ० श्वेता अवस्थी, डॉ० परविंदर , डॉ० धीरज चौहान, मीनाक्षी सिंह, सुशील चमोली जी , अनूप बहुखंडी, दीपक रतूड़ी, आरती सैनी , अनीता ,सुनाती शोधार्थी एवं विद्यार्थी मोजूद रहें!

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