सामाजिक मूल्यों से निर्मित होते हैं पत्रकारिता के मूल्य-डॉ० अखिल मिश्र
पत्रकारिता एक मूल्यपरक अनुशासन है , जिसमें उच्च मूल्यों से ही इसका बेहतर संचालन हो सकता है। एक बेहतर समाज में पत्रकारिता बड़े स्वप्न की तरह है । जिस समाज में बड़े स्वप्न होते हैं वहाँ अनेक मूल्य स्वत:ही निर्मित हो जाते हैं । आज़ादी के दौरान भारतीय समाज के पास एक बड़ा स्वप्न आज़ाद होना था । इस बड़े स्वप्न के गर्भ से ही अहिंसा, सत्याग्रह, अपरिग्रह जैसे मूल्य समाज में पुनः स्थापित हुए । नई आर्थिक नीतियों के कारण आज भारतीय समाज में कोई बड़ा स्वप्न नहीं रह गया है । आज हमारे सपने बौने हो गये हैं,मध्यवर्ग के पास कोई बडा स्वप्न नहीं है। इसलिए पत्रकारिता के मूल्य भी आज छोटे हो गये है क्योंकि समाज के कोख से ही पत्रकारिता का जन्म हुआ है । पत्रकारिता के मूल्य को बचाना है तो समाज में नये मूल्यों की रचना करनी होगी । उक्त बातें हिंदी विभाग, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर उत्तर प्रदेश से आये हुए डॉ० अखिल मिश्र ने उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार के पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही ।कार्यक्रम के पूर्व पत्रकारिता विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ० उमेश कुमार शुक्ल ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि वाह्य विद्वानों के उद्बोधनों से विद्यार्थियों के ज्ञान के अनेकों गवाक्ष खुलेंगे जिससे उन्हें अपने को राष्ट्रीय फलक के अनुरूप तैयार करने में सहायता मिलेगी ।कार्यक्रम में पर्यावरण विभाग के सहायक आचार्य, डा० विनय सेठी जी ने पुष्प गुच्छ देकर अतिथि का स्वागत किया। कार्यक्रम के अंत में छात्र कल्याण परिषद के अध्यक्ष सागर खेमरिया ने धन्यवाद ज्ञापन किया । अतिथि वक्ता ने कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो० दिनेशचन्द्र शास्त्री कुलसचिव श्री गिरीश कुमार अवस्थी के प्रति आभार व्यक्त किया । कार्यक्रम में डॉ० अजय परमार कपिल शर्मा, गुरमीत , रश्मि, दीक्षा, विवेक , रितेश, विवेक जोशी, निधि आदि उपस्थित रहे।