डॉ० उमेश शुक्ल बने भारतीय हिन्दी परिषद के कार्यकारिणी सदस्य :
उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार के हिंदी विभाग के सहायक आचार्य एवं पत्रकारिता विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ० उमेश कुमार शुक्ल को भारतीय हिन्दी परिषद, प्रयागराज के कवयित्री बहिणाबाई चौधरी उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय, जलगाँव, महाराष्ट्र में आयोजित चुनावी अधिवेशन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया है , तथा सभापति के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के हिंदी विभाग के मूर्द्धन्य विद्वान आचार्य पवन अग्रवाल को चुना गया है ।
डॉ० शुक्ल विश्वविद्यालय की अनेक महत्वपूर्ण समितियों के दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं । वे भारतीय हिन्दी परिषद सहित अनेक संस्थाओं के आजीवन सदस्य हैं।ध्यातव्य है कि भारतीय हिन्दी परिषद की स्थापना 3 अप्रैल, 1942 को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो० धीरेंद्र वर्मा ने की थी।इसका उद्देश्य हिन्दी के समस्त अंगों, भाषा साहित्य तथा संस्कृति के अध्ययन तथा खोज को प्रोत्साहन देना और उसकी प्रगति का विशेष रुप से निरीक्षण करना है । विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक, हिंदी तथा हिंदी प्रेमी एवं हिंदी के उच्च अध्ययन ,अध्यापन और अनुसंधान में रुचि रखने वाले व्यक्ति इस संस्था के सदस्य हैं ।मुख्य रूप से विश्वविद्यालय की संस्था होने के नाते परिषद अपने उद्देश्य के अंतर्गत उच्चतर हिंदी अध्यापन और अनुसंधान के नियोजन एवं संगठन तथा उच्चतर शिक्षा के संदर्भ में हिंदी भाषा और साहित्य के विकास, उन्नयन प्रचार एवं प्रसार पर विशेष रूप से बल देती है।अन्य राष्ट्रीय परिषदों की भाँति यथा भारतीय विज्ञान कांग्रेस की तरह इसका भी प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित होता है।