टिहरी डैम से अतिरिक्ति पानी छोड़ने के साथ ही भीमगोड़ा बैराज का एक गेट टूट गया। इस वजह से गंगा जलस्तर भी चेतावनी रेखा के पार पहुंच गया। जिससे प्रशासन के अधिकारियों हड़कंप मच गया। गंगा के तटीय इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों को सतर्क रखने की अपील कराई गई
ताकि उन्हें किसी भी आपदा से बचाया जा सके।
पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर निरंतर चेतावनी रेखा को छू रहा है। इससे गंगा के इलाकों के खेतों में पिछले दिनों गंगा नदी का पानी भी घुस गया था। लोगों का भारी नुकसान गंगा के पानी से हुआ था।
रविवार को गंगा में टिहरी डैम से अतिरिक्त पानी छोड़ने की सूचना प्रसारित की गई थी। दिन में पानी छोड़ना शुरू कर दिया गया। जिससे सामान्य दिनों में जहां गंगा में 80 हजार क्यूसेक पानी चल रहा था। टिहरी डैम से पानी आने से गंगा में दो लाख 255 क्यूसेक तक पानी छोड़ा गया। हालांकि, इससे गंगा में पानी छोड़े जाने से कोई किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ। अधिकारियों की निगाहें दिनभर गंगा के जलस्तर पर बना रहा।
लेकिन रविवार शाम को अचानक से भीमगोड़ा बैराज का गेट नंबर दस टूट गया। इससे गंगा का जलस्तर शाम सात बजे 293.15 मीटर पर पहुंच गया, जो चेतावनी रेखा के 293 मीटर से ऊपर है। उधर, गेट टूटने से जिला प्रशासन की ओर से गंगा के किनारों पर बसे इलाकों में अलर्ट घोषित कर दिया गया। जिससे पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही बाढ़ रात चौकियों पर तैनात कर्मचारियों की ओर से गंगा किनारों पर रहने वाले लोगों को एनाउंसमेंट कर सतर्क रहने की अपील की गई। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत का कहना है कि गंगा के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। ग्रामीणों को गंगा से दूर रहने के लिए कहा जा रहा है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां की गई हैं।
भीमगोड़ा बैराग का एक फाटक टूटने के बाद गंगा किनारे बसें और निचले इलाकों में पुलिस ने मुनादी करवानी शुरू कर दी। टिहरी बांध से पानी छोड़ने की सूचना मिलने के बाद से ही पुलिस सुबह से लक्सर और आसपास के क्षेत्रों में मुनादी कराने में जुटी थी। देर शाम को बैराग का फाटक टूटने की जानकारी मिलते ही पुलिस पूरी तरह अलर्ट हो गई। लक्सर, खानपुर के अलावा पुलिस ने श्यामपुर, पथरी आदि क्षेत्रों में मुनादी कर लोगों को सतर्क किया।