उमेश पास शूटआउट केस में पुलिस एनकाउंटर में ढेर मोहम्मद गुलाम का शव लेने से उसके परिजनों ने इंकार कर दिया है। मोहम्मद गुलाम के भाई राहिल हसन और मां खुशनुदा बेगम उसके एनकाउंटर में मारे जाने से दुखी हैं।
लेकिन उन्होंने कहा है कि वे उसका शव नहीं लेंगे। राहिल हसन का कहना है कि मोहम्मद गुलाम ने गलत काम किया था। उसे उसके गुनाहों की सजा मिल गई है। राहिल हसन ने कहा है कि उनकी मां ने उन्हें सच्चाई की राह पर चलना सिखाया है। इसलिए वे सच्चाई का ही साथ देंगे। राहिल के मुताबिक पहले भी मोहम्मद गुलाम हत्या के एक मामले में 3 साल 7 महीने की जेल की सजा काट चुका है। हालांकि इस मामले में बरी हो चुका था। राहिल हसन और उसकी मां ने एसटीएफ की कार्रवाई को भी सही बताया है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है इसलिए उनके साथ भी न्याय होना चाहिए। मोहम्मद गुलाम की मां खुशनुदा बेगम ने कहा है कि पुलिस सीएम योगी के न्याय पर पूरा भरोसा है। हालांकि बेटे के एसटीएफ के एनकाउंटर में मारे जाने से खुशनुदा बेगम की आंखें नम है। खुशनुमा बेगम रोजे से हैं लेकिन अपने बेटे का चेहरा नहीं देखना चाहती हैं।
गौरतलब है कि मोहम्मद गुलाम 5 लाख का इनामी शूटर था। जो कि उमेश पाल शूटआउट केस में इलेक्ट्रॉनिक की दुकान में खड़ा रहता है और निकल कर अंधाधुंध फायरिंग करता है। मोहम्मद गुलाम का भाई राहिल हसन बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा का पूर्व महानगर अध्यक्ष है।
उमेश पाल शूटआउट के बाद ही बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया था। इसके अलावा मोहम्मद गुलाम का रसूलाबाद स्थित घर को भी बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया है।