उत्तराखंड संस्कृत विश्वविधालय हरिद्वार में 75 वे गणतंत्र को खूब धूम धाम से बनाया गया जहा विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दिनेश चंद्र शास्त्री द्वारा ध्वजा का रोहण सम्पूर्ण विधिविधान पूर्वक किया गया। और उन्होंने अपने संबोधन में कहा की आज का दिन सभी भारतवासियों के लिए बड़ा गौरव का दिन है। आज हमे उन सभी बलदानियों को भी याद करना चाहिए जिन्होंने इस देश पर अपने प्राणों की कुर्बानी दे कर इस देश को आजाद करवाया जिस कारण आज हम यह दिन देख पा रहे है। भारत विश्व में इकलौता देश है जो वासुदेव कुटुंब के विचारो पर चलता है। इसी कारण भारत के प्रत्येक नागरिकों समान अधिकार मिले हुए है। यह गणतंत्र दिवस की ही ताकत है। मान्य कुलपति ने अपने सभी शिक्षकों वा कर्मचारियों से आह्वान किया की वह सभी देश के विकास में अपना योगदान दे जिससे भारत की प्रगति मे चहुमुखी विकास हो सके। देश के प्रति समूर्ण पुरुषार्थ ही देश की प्रगति की नीव है।
कार्यक्रम में आगे विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री गिरीश चंद्र अवस्थी ने कहा की हम सब को राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव ले कर कार्य करना चाहिए यह भाव ही देश की प्रगति में आपका योगदान तय करेगा। आपका सम्पूर्ण पुरुषार्थ देश को नई दिशा वा दशा देगा जिससे देश गौरव के पथ पर आगे बडेगा। इस कार्यक्रम का संचालन कर रहे श्री अरविंद नारायण मिश्रा ने बताया की कितने लम्बे संघर्षों के उपरांत 1950 में सविधान को लागू किया गया। इस सविधान को लागू करने में डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की भूमिका का विस्तृत वर्णन किया। और उनके बनाए गए सविधान से केसे देश संगठित होकर विश्व में अपनी कीर्ति बिखेर रहा है। आज के इस गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के डॉक्टर विनोद चमोला, डॉक्टर मनोज किशोर पंथ, डॉक्टर राम खंडेलवाल,डॉक्टर राकेश सिंह,डॉक्टर बिंदुमति, डॉक्टर मीनाक्षी रावत, डॉक्टर उमेश शुक्ला, डॉक्टर विनय सेठी , वा सभी कर्मचारियों, ने अपना अपना योगदान दे कर और कार्यक्रम की शोभा को बढ़ाया।