नीट यूजी के स्कोर के आधार पर उत्तराखंड आयुर्वेद विवि ऑनलाइन आयुष यूजी काउंसलिंग कराता है। इस साल भी मंत्रालय के निर्देशों के तहत आयुष काउंसलिंग का पहला चरण आठ सितंबर से 20 सितंबर के बीच होना था।राज्य में बीएएमएस, बीयूएमएस, बीएचएमएस के दाखिलों की आयुष यूजी काउंसलिंग अटक गई है। 10 कॉलेजों को राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (एनसीआईएसएम) की ओर से अभी तक मान्यता नहीं मिली है। आठ सितंबर से प्रस्तावित काउंसलिंग की तिथि अब आयुर्वेद विवि ने बढ़ाकर 16 सितंबर कर दी है।हर साल आयुर्वेदिक कॉलेजों का एनसीआईएसएम से निरीक्षण होने के बाद मान्यता दी जाती है। इसके बाद नीट यूजी के स्कोर के आधार पर उत्तराखंड आयुर्वेद विवि ऑनलाइन आयुष यूजी काउंसलिंग कराता है। इस साल भी मंत्रालय के निर्देशों के तहत आयुष काउंसलिंग का पहला चरण आठ सितंबर से 20 सितंबर के बीच होना था।
काउंसलिंग समन्वयक डॉ. ओपी सिंह का कहना है कि अभी केवल नौ कॉलेजों की ही मान्यता आई है। बाकी का इंतजार है। लिहाजा, काउंसलिंग की तिथि आगे बढ़ा दी गई है।
आयुर्वेद विवि की सीटें घटी
एनसीआईएसएम ने उत्तराखंड आयुर्वेद विवि हर्रावाला परिसर की सीटें घटा दी हैं। गत वर्ष ईडब्ल्यूएस आरक्षण के साथ मान्य सीटों की संख्या 75 थी जो इस साल 64 कर दी गई है। ऋषिकुल-गुरुकुल परिसर में यूजी की सीटें तो 75-75 हैं, लेकिन पीजी की सीटें घट गई हैं। ऋषिकुल में गत वर्ष की 68 के बजाए इस साल 60 और गुरुकुल में 15 के बजाए 14 पीजी की सीटें दी गई हैं।
इन कॉलेजों की आई मान्यता
आयुर्वेद विवि हर्रावाला परिसर, विवि ऋषिकुल परिसर, विवि गुरुकुल परिसर, हिमालयी आयुर्वेदिक कॉलेज, मदरहुड मेडिकल कॉलेज, डीआईएमएस सहसपुर, शिवालिक इंस्टीट्यूट, सूरजमल मेडिकल कॉलेज किच्छा और अरोमा आयुर्वेदिक कॉलेज हरिद्वार।
इन कॉलेजों को मान्यता का इंतजार
पतंजलि भारतीय आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान, उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज, क्वाड्रा इंस्टीट्यूट, हरिद्वार आयुर्वेदिक कॉलेज पदार्था, ओम आयुर्वेदिक कॉलेज, बिहाइव आयुर्वेदिक कॉलेज, श्रीमती मंजरी देवी आयुर्वेदिक कॉलेज, बिशंबर सहाय कॉलेज, देवभूमि मेडिकल कॉलेज, सीओईआर मेडिकल कॉलेज।