राम प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों के अनुसार होनी चाहिए- शंकराचार्य
इसी बीच इधर, ओडिशा के जगन्नाथपुरी मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान समारोह में शामिल नहीं होने का ऐलान किया है उन्होंने इसका विरोध जताते हुए एक बड़ा बयान दिया है. बुधवार (3 दिसंबर) को रतलाम में त्रिवेणी तट पर उन्होंने कहा कि साल 2024 के 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में वे शामिल होने के लिए अयोध्या नगरी नहीं जाएंगे. मीडिया से बात करते हुए शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि ‘मोदी जी लोकार्पण करेंगे, मूर्ति का स्पर्श करेंगे तो क्या मैं वहां बैठकर तालियां बजाकर जय-जयकार करूंगा? मेरे पद की भी कोई मर्यादा है. भव्य राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों के अनुसार होनी चाहिए, ऐसे आयोजन में मैं क्यों जाऊं’.